
संपादक
शिराज़-ए-हिन्द
रिपोर्ट दानिश इकबाल
लापरवाही, इलाज से हसीन फातिमा की मौत, परिजनों में आक्रोश, क्या कार्रवाई करेगा स्वास्थ्य विभाग ?
जौनपुर – रायसेन, बेगमगंज
बेगमगंज चुंगी क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान भारी लापरवाही का मामला सामने आया है, जहाँ हसीन फातिमा के पति शानदार जो वर्तमान में रोज़ी रोटी के लिए सऊदी अरब में रहते है वर्षों पूर्व पिता फैजान रिजवी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतका का कई दिनों से इलाज फरजाना क्लिनिक की ओनर डॉक्टर सुमैया खान के यहा चल रहा था ,प्रसव पीड़ा के बाद शनिवार को डिलीवरी के लिए लाई गई।
मामला फरजाना क्लिनिक की ओनर डॉक्टर सुमैया खान से जुड़ा है, जो BUMS डिग्रीधारी बताई जा रही हैं। आरोप है कि डॉक्टर सुमैया द्वारा बिना किसी विशेषज्ञ देखरेख के प्रसव कराया जा रहा था, जब कि डिलीवरी की पोजिशन नॉर्मल नहीं थी उसके बावजूद भी डॉक्टर सुमैया द्वारा बिना किसी विशेषज्ञ देखरेख के जबरदस्ती प्रसव कराया जिसकी वजह से महिला की हालत गंभीर हो गई जिसकी वजह से ब्लीडिंग ज़्यादा ही होने लगी !
परिजनों का आरोप है कि जैसे ही हसीन फातिमा की तबीयत बिगड़ने लगी, डॉक्टर ने कहा कि वह तुरंत मरीज को ‘देव श्री हॉस्पिटल’ में रेफर करवा रही हैं। लेकिन समय पर आवश्यक कदम न उठाए जाने और समुचित एंबुलेंस सुविधा न मिलने के कारण परिजन खुद मरीज को लेकर दूसरे अस्पतालों के चक्कर काटते रहे।
बताया गया है कि देव श्री हॉस्पिटल द्वारा मरीज कि हालत को देखते हुए एडमिट करने से मना कर दिया गया, जिसके बाद हसीन फातिमा को इशा हॉस्पिटल ले जाया गया। दुर्भाग्यवश,सुबह वहीं पर उनकी मौत हो गई।
परिजनों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि यह पूरी तरह से चिकित्सा लापरवाही का मामला है और इसके लिए डॉक्टर सुमैया खान व अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से तत्काल जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों और परिजनों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है बेगमगंज क्षेत्र में कई निजी अस्पतालों में बिना उचित योग्यता और संसाधनों के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि स्वास्थ्य विभाग इन संस्थानों की नियमित निगरानी क्यों नहीं करता ?
क्या विभाग इन गैर-प्रशिक्षित डॉक्टरों पर कार्रवाई करेगा या मामला एक और आंकड़ा बनकर रह जाएगा?
क्या होनी चाहिए कार्रवाई ?
फरजाना क्लिनिक की ओनर डॉक्टर सुमैया की डिग्री और अस्पताल के लाइसेंस की जाँच होनी चाहिए।
अस्पताल के पास डिलीवरी कराने की अनुमति थी या नहीं, इसका पता लगाया जाना चाहिए।
पूरे मामले में निष्पक्ष जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए।
लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
परिजनों की जनपद जौनपुर के सभी सम्मानित पत्रकार बंधुओ से मांगी न्याय कराने की अपील
हसीन फातिमा के परिजनों ने प्रशासन और मीडिया से अपील की है कि वे इस मामले को दबने न दें और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए, ताकि भविष्य में किसी और मासूम की जान लापरवाही की भेंट न चढ़े।