रायबरेली/फतेहपुर, 6 अक्टूबर 2025:
फतेहपुर जनपद के मोहल्ला तुराब अली का पुरवा निवासी हरिओम बाल्मीकि (पुत्र गंगादीन बाल्मीकि, सेवानिवृत्त कर्मचारी – टीबी अस्पताल, फतेहपुर) की रायबरेली जिले के गदागंज थाना क्षेत्र में 1/2 अक्टूबर की रात भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि घटना के समय हरिओम अपनी ससुराल ऊंचाहार जा रहा था, तभी कुछ लोगों ने उसे रोक लिया और “चोर” कहकर बर्बर तरीके से उसकी पिटाई शुरू कर दी।
सोमवार को एपीसीआर (एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स) की टीम ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की।
टीम का नेतृत्व एपीसीआर फतेहपुर ज़िलाध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद तुफैल साहब ने किया। इस दौरान मृतक के माता-पिता, बहन-बहनोई और सबसे छोटी बहन कुसुम से मुलाकात की गई।
कुसुम ने बताया, “मेरा भाई अपनी ससुराल जा रहा था, तभी रास्ते में कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और ‘चोर’ कहकर पीटना शुरू कर दिया। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस मौके पर पहुंचने के बाद भी न तो हमलावरों को पकड़ा और न ही हरिओम को अस्पताल लेकर गई। अगर पुलिस समय पर उसे इलाज के लिए ले जाती, तो शायद वह आज ज़िंदा होता।”
कुसुम ने रोते हुए बताया कि हमलावरों ने उसके भाई के साथ अत्यंत अमानवीय व्यवहार किया — “उन्होंने न केवल बेरहमी से पिटाई की, बल्कि उसकी एक आंख फोड़ दी और मलद्वार में डंडा डाला गया।”
कुसुम के अनुसार, जब हत्यारों ने हरिओम से नाम पूछा तो उसने ‘राहुल गांधी’ बताया, इस पर उन्होंने कहा कि “यहाँ सब बाबा वाले हैं” और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।
परिवार ने मांग की है कि सभी हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी हो और उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की बर्बर घटनाएँ दोहराई न जाएँ।
एपीसीआर ज़िलाध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद तुफैल साहब ने परिवार को भरोसा दिलाया कि संगठन हर स्तर पर साथ रहेगा।
उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है। एपीसीआर परिवार के साथ कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर न्याय की लड़ाई लड़ेगा।”
इस मौके पर मकसूद अहमद, एडवोकेट मोहम्मद हफीज़ और एडवोकेट अब्दुल समद भी मौजूद रहे।
