संपादक डॉक्टर सैयद नौशाद अली

जौनपुर । वेलफेयर एसोसिएशन एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह के द्वारा प्रांतीय खण्ड के द्वारा मार्च माह 2025 मे छः दिनों मे अधिशासी अभियन्ता सहायक अभियन्ता ए०,पी० यादव एवं सहायक अभियन्ता अखिलेश यादव की मिली भगत से घोटाला किया गया हैं!
आपको बता दे कि जौनपुर के प्रान्तीय खण्ड में हुए घोटाले के संबन्ध मे अधिशासी अभियन्ता,एवं सहायक अभियन्ता तीनों भ्रष्टाचार में लिए हैं, जबकि योगी आदित्यनाथ जी ई-टेण्डरिंग निविदा में एक लाख के उपर का कार्य प्रहरी से टेण्डर डाला जाता है, लेकिन अधिशासी अभियन्ता बिना किसी पावर के 3 सेलेक्शन बांड को बना दिया गया ! बताया जाता हैं कि एक 89,00,000/- रुपए का है, इसका अनुसन्ध सं० 65/S.C. दिनांक 10-03-2025 का बना दिया गया है।

मछलीशहर पड़ाव, नईगंज मार्ग पर बना है यह एकदम अनुचित है एवं 2 बांड सेलेक्शन से निविदा नहीं किया रु० 50,00,000/- के नीचे है। किन कारणों से निविदा नही किया गया जब कि योगी आदित्यनाथ जी की मंशा है कि ई-टेण्डरिंग के माध्यम से कार्य संपन हो। उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय। इक्स्ट्रा आइटम के सम्बन्ध में जो 26 मार्च 31 मार्च को लेखाधिकारी राममिलन यादव को छुट्टी पर जाने के लिये बाध्य कर दिया गया उनके जाने के बाद दिनांक 26 मार्च से 31 मार्च 2025 तक फर्जी भुगतान किया गया है।
एक्स्ट्रा आइटम के सम्बन्ध में 26 मार्च से 31 मार्च 2025 तक फर्जी भुगतान किया गया, जो मार्च माह 2025 में 3 करोड़ का फर्जी भुगतान प्रांतीय खण्ड के द्वारा शासनादेश को ताख पर रख कर किया गया फर्जी
भुगतान और बाउचर सं० (1) इक्स्ट्रा आइटम के सम्बन्ध में निम्न बाउचर सं० 420 दिनांक 29-02-2025 पी०सी० का बाण्ड है जिस पर बी०सी० का भुगतान किया गया जो कि गलत बताया जाता है।

इसकी लागत 11,60,000/- है। (2) बाउचर सं० 440 दिनांक 29-03-2025 बांड नम्बर 83 रुपया 6,91,000/ है इसका भुगतान किया गया। (3) पाउचर संख्या 434 दिनांक 29-03-2025 (4) पाउचर क्रमांक 465 दिनांक 30-03-2025 रू.10, 00,000/- का भुगतान! (5) बाउचर सं० 425 दिनांक 29-03-2025 (6) बाउचर सं० 446 दिनांक 30-03-2025 भुगतान रू 4,15,000/- (7) इक्स्ट्रा आइटम का कोई प्राविधान नहीं है। अन्य किसी जिले में एक्स्ट्रा आइटम नहीं होता।

दिनांक 26 मार्च 2025 से 31 मार्च 2025 में रोड का फर्जी भुगतान हुआ है। वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने जाँच की माँग करते हुए बताया कि राजेन्द्र प्रसाद अधिशासी अभियन्ता एवं सहायक अभियन्ता ए०,पी० यादव एवं सहायक अभियन्ता अखिलेश यादव ने मिलकर तमाम फर्जी भुगतान किया गया जबकि लेखाधिकारी राममिलन यादव को बाध्य करके छुट्टी पर भेज दिया गया, उसके बाद तीन करोड़ से अधिक फर्जी भुगतान 26 मार्च से 31 मार्च 2025 तक प्रांतीय खण्ड के द्वारा किया गया।

अधिशासी अभियन्ता राजेन्द्र प्रसाद द्वारा सरकार को चूना लगाने का काम किया गया है ऐसे में कहां जा सकता है कि जौनपुर के प्रांतीय खंड में हुए भ्रष्टाचार की जांच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में देकर इसकी सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए जिससे कि अधिशासी अभियंता जौनपुर राजेंद्र प्रसाद एवं उनके दो ए.ई के द्वारा किए गए घोटाले की पोल को खोला जा सके उन्हें प्रकाश में लाया जाए और उपरोक्त घोटाले की जाँच लोक निर्माण विभाग के मंत्री अथवा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग उ०प्र० शासन से करायी जाय।